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आखिर मेरे पिता को न्याय कब मिलेगा? जब कश्मीर की एक बेटी ने न्याय के लिए प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा.| | CID Inspector Chuni Lal Shalla | Sushma Shalla Koul |New Delhi Cables

माननीय प्रधानमंत्री जी,  मैं ,डॉ सुषमा शाला, आपको ये पत्र बहुत ही भारी मन और दुख के साथ लिख रही हूं | मेरे पिता शहीद श्री चुन्नीलाल शाला जम्...

माननीय प्रधानमंत्री जी, 

मैं ,डॉ सुषमा शाला, आपको ये पत्र बहुत ही भारी मन और दुख के साथ लिख रही हूं | मेरे पिता शहीद श्री चुन्नीलाल शाला जम्मू कश्मीर पुलिस में CID इंस्पेक्टर थे|

जब 1 मई 1990 को मेरे पिता कुपवाड़ा पुलिस स्टेशन से बारामुला ,अपने PSO मोहम्मद अहमदुल्लाह के साथ, बस में आ रहे थे,और जैसे ही बस कुपवाड़ा बस स्टॉप से कुछ दूर सुनसान जगह में पहुंचती है तो कुछ आतंकवादी बस को जबरन रोककर , बस में मेरे पिता का नाम लेकर जोर जोर से चिल्लाने लगते हैं और जब बस में कोई भी मेरे पिता के बारे में कुछ नहीं बताता है तो मेरे पिता का PSO मोहम्मद अहमदुल्लाह खड़ा होता है और आतंकवादियों को ये बता देता है कि यही इंस्पेक्टर चुन्नीलाल शाला है|

उसके बाद मेरे पिता को जबरन बस से उतारा जाता है और उनको काशीपुरा नामक स्थान पर ले जाकर बहुत ही टॉर्चर किया जाता है.जिसमें उनके दांत निकाल लिए जाते हैं,नाखून खींच लिए जाते हैं और उनके हाथ पैर की हड्डियां तोड़ दी जाती है और अंत में उनको प्वाइंट ब्लैंक रेंज से गोली मारकर शहीद कर दिया जाता है.

माननीय प्रधानमंत्री जी, पिछले 30 वर्षों में जम्मू कश्मीर पुलिस ने ना ही हमारे परिवार को कोई FIR Report या FIR With Closure Report या Post Mortem Report दी और ना ही जम्मू कश्मीर पुलिस विभाग ने हमारे परिवार से कोई संपर्क किया या फिर मेरे पिता के PSO मोहम्मद अहमदुल्लाह की भूमिका की कोई जांच की या फिर हमारे  परिवार को उस जांच से अवगत कराया गया हो |

माननीय प्रधानमंत्री जी, मेरे आपसे निम्नलिखित निवेदन हैं-
1.मेरे पिता की हत्या के संबंध में पंजीकृत FIR with Closure Report हमें दी जाए.
2.उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट हमें दी जाए.
3.पुरानी FIR की जानकारियों के आधार पर एक नई FIR  पंजीकृत की जाए और मेरे पिता की हत्या और उसमें उनके PSO मोहम्मद अहमदुल्लाह की भूमिका की पुनः जांच नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी(NIA) द्वारा जांच की जाए |

माननीय प्रधानमंत्री जी, एक बेटी और देश का एक नागरिक होने के नाते ये मेरा अधिकार भी है कि मेरे पिता के हत्या के दोषियों को सजा मिले. मैं आशा करती हूं कि आप मेरे इस पत्र और उसमें मेरे जो विनम्र अनुरोध हैं, उन पर ध्यान देंगे और 30 वर्ष से इंतजार कर रहे हमारे परिवार को न्याय मिलेगा |

प्रणाम 
डॉ सुषमा शाला  
नई दिल्ली-110016





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